Thursday, October 10, 2013

देवी मां मंदिरों के दर्शन पावन अवसर पर

रोहतास देवी मंदिर ( बिहार के रोहतास जिले में यह मंदिर बना हुआ है)











रुकमणी देवी मंदिर (गुजरात में स्थित द्वारका में स्थित)










हिडम्‍बा माता (हिमाचल प्रदेश के मनाली में हिडम्‍बा माता का मंदिर )


लक्ष्‍मी देवी मंदिर( कर्नाटक के हासन जिले में लक्ष्‍मी देवी मंदिर डोडागद्दावली में है)










काली मंदिर( पावगढ़ पंचमहल जिले में पावगढ़ में ) यह शक्तिपीठ मानी जाती है।


गरजिया देवी (रामनगर उत्‍तराखंड में गर्जिया देवी मंदिर) यह भी शक्तिपीठ है।








पूर्णागिरि माता (उत्‍तराखंड में नेपाल बॉर्डर पर टनकपुर के पास पहाड़ों पर पूर्णागिरि माता का मंदिर है)








श्‍यामकली माता( ओडिशा के भारगढ़ में श्‍यामकली माता का मंदिर है)






हंगेश्‍वरी माता( पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में हंगेश्‍वरी माता का मंदिर)







चंद्रिका देवी (लखनऊ में सीतापुर रोड पर यह चंद्रिका देवी का मंदिर है, जो गोमती नदी के तट पर बना हुआ है)







गोलकोंडा काली माता (आंध्र प्रदेश के गोलकोंडा जिले में काली माता का मंदिर चट्टानों के बीच में बना हुआ है)







गोलकोंडा काली माता ( आंध्र प्रदेश के गोलकोंडा जिले में काली माता का मंदिर चट्टानों के बीच में बना हुआ है)









हनोगी देवी मंदिर( हिमाचल प्रदेश के मनाली में हनोगी देवी मंदिर)











महाकाली मंदिर (हिमाचल प्रदेश के छैल जिले में महाकाली मंदिर)







मनसा देवी ( चंडीगढ़ के पास पंचकुला में मनसा देवी मंदिर)






सप्‍तश्रृंगी माता ( महाराष्‍ट्र के नासिक जिले से 60 किलोमीटर दूर है सप्‍तश्रृंगी माता का मंदिर)








मुंबा देवी मंदिर ( महाराष्‍ट्र की राजधानी मुंबई में मुंबा देवी का मंदिर है)







नित्‍यकल्‍याणी देवी( तमिलनाडु के कदायम में नित्‍यकल्‍याणी देवी का मंदिर)







मंसा देवी (हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर मनसा देवी का मंदिर)







दुर्गा मंदिर (काशी वाराणसी में यह दुर्गा मंदिर 18वीं सदी का है)







अष्‍टलक्ष्‍मी कोविल मां ( तमिलनाडु की राजधानी चेन्‍नई में अष्‍टलक्ष्‍मी कोविल माता का मंदिर)






मीनाक्षी मंदिर (तमिलनाडु के मदुरै में स्थित मीनाक्षी मंदिर सबसे बड़ा मंदिर है)






मीनाक्षी मंदिर (तमिलनाडु के मदुरै में स्थित मीनाक्षी मंदिर सबसे बड़ा मंदिर है)






मीनाक्षी अम्‍मन कोविल ( वैगई नदी के तट पर मीनाक्षी अम्‍मन कोविल मंदिर)








लक्ष्‍मी मंदिर ( बिट्स पिलानी में स्थित लक्ष्‍मी माता का मंदिर)







भद्र माता ( गुजरात के पोरबंदर में भद्रमाता का मंदिर)







मंगला देवी का मंदिर( राजस्‍थान के भानगढ़ किले के परिसर में यह मंगला देवी का मंदिर बना हुआ है)






दधिमाती माता मंदिर( राजस्‍थान के नागौर में दाधिमाती माता मंदिर)






चामुंडा देवी (जोधपुर के मेहरानगढ़ किले के पास चामुंडा देवी का मंदिर)






कांची कामाक्षी मंदिर( कांचीपुरम में पारवती माता का मंदिर)







ब्रह्माणी देवी मंदिर (हिमाचल प्रदेश में मनाली के पास स्थित है यह ब्रह्माणी देवी मंदिर)







गिरि गंगा मंदिर( गंगा मैया को समर्पित यह मंदिर हिमाचल की घाटी में स्थित है)






समसान काली मंदिर( कटक में स्थित समसान काली मंदिर मां काली को समर्पित है)







देवी स्‍वेच्‍छा( इच्‍छापुरम में स्थित है यह देवी स्‍वेच्‍दा का मंदिर)






वैष्‍णों देवी मंदिर (जम्‍मू-कश्‍मीर में स्थित मां वैष्‍णों देवी )





सरकरा देवी मंदिर (दक्षिण भारत का महत्‍वपूर्ण मंदिर सरकरा देवी मंदिर तिरुवनंतपुरम में है)






दक्षिणेश्‍वर काली मंदिर ( पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में है दक्षिणेश्‍वर काली मंदिर)







 मां पारवती का यह मंदिर तमिलनाडु में कन्‍या कुमारी में स्थित है








नैना देवी (नैना देवी का मंदिर उत्‍तराखंड के नैनीताल में स्थित है)






महालक्ष्‍मी रावलनाथ गोवा में प्रसिद्ध मंदिर मां लक्ष्‍मी का है।





मंगला देवी ( विदिशा में स्थित मंगला देवी का मंदिर)






लक्ष्‍मी मंदिर (मध्‍य प्रदेश के ओरछा में स्थित है यह लक्ष्‍मी मंदिर)





शीतला देवी मंदिर (कर्नाटक में स्थित है यह शीतला देवी मंदिर)






महालक्ष्‍मी मंदिर (महाराष्‍ट्र के कोल्‍हापुर में महालक्ष्‍मी मंदिर)







मरियाम्‍मन मंदिर ( त्रिचुरापल्‍ली के पास मरियाम्‍मन मंदिर )





ज्‍वाला देवी ( ज्‍वाला देवी में हमेशा एक ज्‍वाला जलती रहती है)




विंध्‍याचल देवी (इलाहाबाद में नैनी के पास स्थित है विंध्‍याचल देवी )







कामाख्‍या मंदिर देवी मां को समर्पित यह मंदिर गुवाहाटी में है







 मुंबई में स्थित महालक्ष्‍मी मंदिर






कांगड़ा देवी (हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा किले पर स्थित है यह देवी का मंदिर)






प्रस्तुति:
मदन मोहन सक्सेना

Monday, September 23, 2013

अर्थ का अनर्थ
 
एक रोज हम यूँ ही बृन्दावन गये
भगबान कृष्ण हमें बहां मिल गये
भगवान बोले ,बेटा मदन क्या हाल है ?
हमने कहा दुआ है ,सब मालामाल हैं

कुछ देर बाद हमने ,एक सवाल कर दिया
भगवान बोले तुमने तो बबाल कर दिया
सवाल सुन करके बो कुछ लगे सोचने
मालूम चला ,लगे कुछ बह खोजने

हमने उनसे कहा ,ऐसा तुमने क्या किया ?
जिसकी बजह से इतना नाम कर लिया
कल तुमने जो किया था ,बह ही आज हम कर रहे
फिर क्यों लोग , हममें तुममें भेद कर रहे

भगवान बोले प्रेम ,कर्म का उपदेश दिया हमनें
युद्ध में भी अर्जुन को सन्देश दिया हमनें
जब कभी अपनों ने हमें दिल से है पुकारा
हर मदद की उनकी ,दुष्टों को भी संहारा

मैनें उनसे कहा सुनिए ,हम कैसे काम करते है
करता काम कोई है ,हम अपना नाम करते हैं
देखकर के दूसरों की माँ बहनों को ,हम अपना बनाने की सोचा करते
इसी दिशा में सदा कर्म किया है,  कल क्या होगा  ,ये ना सोचा करते

माता पिता मित्र सखा आये कोई भी
किसी भी तरह हम डराया करते
साम दाम दण्डं भेद किसी भी तरह
रूठने से उनको मनाया करते

बात जब फिर भी नहीं है बनती
कर्म कुछ ज्यादा हम किया करतें
सजा दुष्टों को हरदम मिलती रहे
ये सोचकर कष्ट हम दिया करते 

मार काट लूट पाट हत्या राहजनी
अपनें हैं जो ,मर्जी हो बो करें
कहना तो अपना सदा से ये है
पुलिस के दंडें से फिर क्यों डरे

धोखे से जब कभी बे पकड़े गए
पल भर में ही उनको छुटाया करते
जब अपनें है बे फिर कष्ट क्यों हो
पल भर में ही कष्ट हम मिटाया करते

ये सुनकर के भगबान कहने लगे
क्या लोग दुनियां में इतना सहने लगे
बेटा तुने तो अर्थ का अनर्थ कर दिया
ऐसे कर्मों से जीवन अपना ब्यर्थ कर दिया 

तुमसे कह रहा हूँ मैं हे पापी मदन
पाप अच्छे कर्मों से तुमको डिगाया करेंगें
दुष्कर्मों के कारण हे पापी मदन
हम तुम जैसों को फिर से मिटाया करेंगें 


कबिता

लघु कथा
अणु भारती में प्रकाशित:

मदन मोहन सक्सेना