कहतें है की जीब के शरीर में परमात्मा का बास होता है लेकिन हममें से
कितने ये बात अपनी जिंदगी में उतरतें हैं . सुख में सज्जन लोंग प्रभु को
याद करतें हैं और दुष्ट और नास्तिक लोग भी दुर्दिनों में प्रभु के द्वार
जाने लगतें है।परम पिता परमात्मा सब लोगों को सुख शांति और सम्पदा प्रदान
करें।
हे रब किसी से छीन कर मुझको ख़ुशी न दे
जो दूसरों को बख्शी को बो जिंदगी न दे
तन दिया है मन दिया है और जीवन दे दिया
प्रभु आपको इस तुच्छ का है लाखों लाखों शुक्रिया
चाहें दौलत हो ना हो कि पास अपने प्यार हो
प्रेम के रिश्ते हों सबसे ,प्यार का संसार हो
मेरी अर्ध्य है प्रभु आपसे प्रभु शक्ति ऐसी दीजिये
मुझे त्याग करूणा प्रेम और मात्रं भक्ति दीजिये
तेरा नाम सुमिरन मुख करे कानों से सुनता रहूँ
करने को समर्पित पुष्प मैं हाथों से चुनता रहूँ
जब तलक सांसें हैं मेरी ,तेरा दर्श मैं पाता रहूँ
ऐसी कृपा कुछ कीजिये तेरे द्वार मैं आता रहूँ
प्रस्तुति :
मदन मोहन सक्सेना
चाहें दौलत हो ना हो कि पास अपने प्यार हो
ReplyDeleteप्रेम के रिश्ते हों सबसे ,प्यार का संसार हो
सुन्दर भाव ....आभार !