उनको तो हमसे प्यार है ये कल की बात है
कायम ये ऐतबार था ये कल की बात है
जब से मिली नज़र तो चलता नहीं है बस
मुझे दिल पर अख्तियार था ये कल की बात है
अब फूल भी खिलने लगा है निगाहों में
काँटों से मुझको प्यार था ये कल की बात है
अब जिनकी बेबफ़ाई के चर्चे हैं हर तरफ
बह पहले बफादार थे ये कल की बात है
जिसने लगायी आग मेरे घर में आकर के
बह शख्श मेरा यार था ये कल की बात है
तन्हाईयों का गम ,जो मुझे दे दिया उन्होनें
बह मेरा गम बेशुमार था ये कल की बात है
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नजर फ़ेर ली है खफ़ा हो गया हूँ
बिछुड़ कर किसी से जुदा हो गया हूँ
मैं किससे करूँ बेबफाई का शिकबा
कि खुद रूठकर बेबफ़ा हो गया हूँ
बहुत उसने चाहा बहुत उसने पूजा
मुहब्बत का मैं देवता हो गया हूँ
बसायी थी जिसने दिलों में मुहब्बत
उसी के लिए बुरा हो गया हूँ
मेरा नाम अब क्यों तेरे लब पर भी आये
मैं अपना नहीं दूसरा हो गया हूँ
मदन सुनाऊँ किसे अब किस्सा ए गम
मुहब्बत में मिटकर फना हो गया हूँ .
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मेरी रचनाएँ अणु भारती में .
मदन मोहन सक्सेना
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